देवता आस्था स्वरूप चढ़ाई घंटिया अर्जीद्वारा त्वरितन्याय चितैई मंदिर अल्मोड़ा
देवता आस्था स्वरूप चढ़ाई घंटिया अर्जीद्वारा त्वरितन्याय चितैई मंदिर अल्मोड़ा गोलु जी को न्याय का देवता भी कहा जाता है। माना जाता है कि जिस किसी के साथ राज दरबार में गलत न्याय हुआ हो, न्याय में भेद-भाव हो गया हो तो वह इनके देव दरबार में अपनी करुण पुकार लिखकर इनके समक्ष करता है। इसी कारण कहते है गोलु देवता को दी गई अर्जी व्यर्थ नहीं जाती और अन्याय करने वाले से अवश्य राहत मिलती है। माना जाता है कि गोल्ल जी जब राजा थे तब वह राज्य में घूम-घूम कर जन अदा लत लगाकर त्वरित न्याय दिया करते थे। आज भी लोक अदालतों के माध्यम से जनता को तुरन्त न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है। गोल्ल जी इस जरूरत को समझते हुए लोक अदालतों का न्याय कार्य आरम्भ कर चुके थे। चितई ग्राम स्थित इनका यह प्रसिद्ध मंदिर लोक आस्थाओं का केन्द्र है चम्पावत में इनका पुराना मंदिर है। एक मंदिर घोड़ाखाल में भी है। लेकिन चितई का ग्वेल मंदिर आस्था का अद्भुत केन्द्र है। इस मंदिर में भक्तजनों द्वारा चढ़ाई गई घंटियां इस विश्वास की प्रतीक हैं कि ग्वेल जी लोगों की मनो कामनाओं को अवश्य पूरा करते हैं। इनके दरबार में सच्चे हृदय से आने वाले क