संदेश

जुलाई, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

uttarakhand video "jaidevbhumi"

View this post on Instagram A post shared by पहाडी छौं (@uttarakhand_chale) View this post on Instagram A post shared by पहाडी छौं (@uttarakhand_chale) View this post on Instagram A post shared by पहाडी छौं (@uttarakhand_chale) View this post on Instagram A post shared by पहाडी छौं (@uttarakhand_chale)

Devbhumi, Uttarakhand - देवभूमि उत्तराखंड

चित्र
देव भूमि उत्तराखंड में आप सभी का हार्दिक स्वागत है । देवभूमि उत्तराखंड देवभूमि की धरती पर, अनुपम सुन्दरता छाई है, हिमालय की गोद में, शांति की परछाई है। गंगा यमुना की धाराएँ, यहाँ का गान सुनाती हैं, प्रकृति के हर कोने में, नयी आशा जगाती हैं। हरिद्वार के घाटों पर, आस्था की बहती धारा, कुमाऊँ गढ़वाल की वादियाँ, हर पल खींचे हमारा। चार धाम की यात्रा में, भक्ति का अनुभव होता, बद्रीनाथ के दर्शन से, जीवन सार्थक होता। हिमाच्छादित पर्वतों में, ऋषिकेश की साधना, अलकनंदा की लहरों में, गूंजती है प्राचीन वंदना। नैनीताल की झीलें, मन को शीतल करती हैं, मसूरी की वादियाँ, जीवन को रंगीन करती हैं। केदारनाथ की ऊँचाई, जहाँ शिव का धाम है, यमुनोत्री-गंगोत्री, पवित्र नदियों का नाम है। उत्तराखंड की माटी में, वीरों का भी वास है, हर घर में बसता, वीरता का इतिहास है। फूलों की घाटी में, प्रकृति का अनुपम नजारा, देवभूमि के कण-कण में, बसता है सारा संसार। उत्तराखंड की सुंदरता, दिल को मोह लेती है, देवभूमि की महिमा, सबको सम्मोहित कर देती है। ऊँची-ऊँची चोटियों पर, बर्फ की चादर बिछी है, हरी-भरी घाटियों में, हरियाली

कसार देवी मंदिर - Kasar Devi Temple

चित्र
कसार देवी मंदिर - Kasar Devi Temple कसार देवी मंदिर - Kasar Devi Temple कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा जिले के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति के लिए जाना जाता है। यहाँ इस मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है कसार देवी मंदिर - Kasar Devi Temple स्थान: कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 8 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर कसार देवी गांव में स्थित है। महत्व: यह मंदिर देवी कसार को समर्पित है और यह स्थल अपने शांत और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। कसार देवी मंदिर हिप्पी ट्रेल का हिस्सा भी रहा है और 1970 के दशक में कई विदेशी पर्यटक यहाँ आए थे। इतिहास: यह मंदिर दूसरी शताब्दी का है और इसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। यहाँ कई साधु और योगी ध्यान करते थे और इसे ध्यान और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता था। वास्तुकला: कसार देवी मंदिर की वास्तुकला सरल और पारंपरिक है। यहाँ से हिमालय पर्वत श्रृंखला का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। भौगोलिक महत्त्व: कसार देवी मंदिर एक भू-चुंबकीय क्षेत्र में स्थित है, जिसे वान एलेन बेल्ट

नंदा देवी मंदिर - Nanda Devi Temple

चित्र
नंदा देवी मंदिर - Nanda Devi Temple नंदा देवी मंदिर अल्मोड़ा का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यह नंदा देवी को समर्पित है, जिन्हें कुमाऊं क्षेत्र में अत्यधिक सम्मानित देवी माना जाता है। यहाँ इस मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है नंदा देवी मंदिर - Nanda Devi Temple नंदा देवी मंदिर नंदा देवी मंदिर - Nanda Devi Temple स्थान: यह मंदिर अल्मोड़ा के मुख्य बाजार के पास स्थित है और इसे अल्मोड़ा का दिल कहा जाता है। महत्व: नंदा देवी को कुमाऊं क्षेत्र की प्रमुख देवी माना जाता है और उन्हें पर्वतों की देवी के रूप में पूजा जाता है। नंदा देवी मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। इतिहास: इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में चंद राजवंश के राजाओं द्वारा किया गया था। यह मंदिर कुमाऊं की प्राचीन संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। वास्तुकला: नंदा देवी मंदिर पारंपरिक कुमाऊंनी शैली में बना हुआ है और इसकी वास्तुकला बहुत ही सुंदर और आकर्षक है। इसमें लकड़ी की नक्काशी और पत्थरों का सुंदर उपयोग किया गया है। त्योहार: नंदा देवी मेला यहाँ का प्रमुख त्योहार है, जो हर साल अगस्त-सितंबर महीने में

अल्मोड़ा के प्रमुख मंदिर - Major Temples of Almora

चित्र
अल्मोड़ा के प्रमुख मंदिर अल्मोड़ा में कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं जो अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ प्रमुख मंदिरों की सूची दी गई है: अल्मोड़ा के प्रमुख मंदिर: नंदा देवी मंदिर: यह मंदिर अल्मोड़ा के हृदय में स्थित है और स्थानीय लोगों के बीच अत्यधिक प्रतिष्ठित है। यहाँ नंदा देवी की पूजा की जाती है। कसार देवी मंदिर: यह मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है और अपने शांत वातावरण और सुंदर दृश्य के लिए जाना जाता है। यह हिप्पी ट्रेल का भी हिस्सा रहा है। कटारमल सूर्य मंदिर: यह प्राचीन सूर्य मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित है। यह अपनी अनूठी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। चितई गोलू देवता मंदिर: यह मंदिर गोलू देवता को समर्पित है और यहाँ लोग न्याय की प्रार्थना करने आते हैं। यह मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। जागेश्वर धाम: यह अल्मोड़ा से लगभग 36 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ 124 छोटे-बड़े मंदिर हैं। यह स्थल शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। कालीमठ मंदिर: यह मंदिर काली माता को समर्पित है और अल्मोड़ा के पास एक पहाड़ी पर स