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Photoghrap Uttarakhand

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काली मिर्च कि खेती  किल्मोड़ा - उत्तराखंड में एक जंगली और कंतली झाड़ी में छोटे-छोटे  (ओरेगन होलीग्रेप) (ओरेगन अंगूर) पहाड़ी दृश्य  पहाड़ी दृश्य   

"बोला भै-बन्धू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्" पहाड़ी कविता

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बोला भै-बन्धू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्  बोला भै-बन्धू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् हे उत्तराखण्ड्यूँ तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् जात न पाँत हो, राग न रीस हो छोटू न बडू हो, भूख न तीस हो मनख्यूंमा हो मनख्यात, यनूं उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला बेटि-ब्वारयूँ तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला माँ-बैण्यूं तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् घास-लखडा हों बोण अपड़ा हों परदेस क्वी ना जौउ सब्बि दगड़ा हों जिकुड़ी ना हो उदास, यनूं उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला बोड़ाजी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला ककाजी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् कूलूमा पाणि हो खेतू हैरयाली हो बाग-बग्वान-फल फूलूकी डाली हो मेहनति हों सब्बि लोग, यनूं उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला भुलुऔं तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला नौल्याळू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् शिक्षा हो दिक्षा हो जख रोजगार हो क्वै भैजी भुला न बैठ्यूं बेकार हो खाना कमाणा हो लोग यनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला परमुख जी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् बोला परधान जी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ् छोटा छोटा उद्योग जख घर-घरूँमा हों घूस न रिश्वत जख दफ्तरूंमा हो गौ-गौंकू ह

कविता पहाड़ जन्म मेरो "पहाड़ का हाल" "पलायन का कारण"

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कविता पहाड़ जन्म मेरो "पहाड़ का हाल" "पलायन का कारण" ❤पहाड़ जन्म मेरो❤ पहाड़ा जन्म मेरो , पहाड़े करनू बात । परदेश में रोनू अब , हेगयू नीलाम ।।             (पहाड़ का हाल ) पेली गो - गो लागछी, अब सुनसान लागमेई। अपुन सब भाझमेई , मुसेई ये आमेई ।। आई ले भखत छू , बेचेलियो पहाड़ , नी करो रे पहाड़ हलाल ।।            (पलायन का कारण) पेलिकेबे बाहारी लोग यति दवाप लागरेई । जेक नान तीन स्यान हेते गई , ऊ तलिही जाते रई।। किलेकी यति सरकार नाकाम छू, शराबे रेट कम करबे , बसे रेट बढ़ा मेई।। यस छू पहाड़े सरकार हाल , सरकार ले कर रो पहाड़े बरबाद।            (पहाड़ की समस्या) चीड़ दाओ लेगेबे उतार हेली पहाड़े खाल। डाओ , बोटी , पंछी , नोहो सुकेहेली तुमुल सब धार।। अरे के भल भल योजना लेबे , गो - गोनुमे पाण पहुचाओ। आई ले भाखत छू , अपुन पहाड़े के बचाओ।। किले की कुछ साल में ख़तम हेजाल पहाड़ । जीतू बच राई उन गू नी करो बेहाल।।                (शहरों में ) पेली मेस- मेस होछी , अब राक्षक हेमेई । काम कम  , शिकार सकर खामेई।। जादू - टोना , तंतर मंतर करनी । च्योल बाप के , ब्वारी सास के मारमेई।। कीपार विश्

पहाड़ी कविता pahadipeople कि यहा कविता ग्रीष्म बसंत या मौसम जाड़ों मे

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पहाड़ी कविता pahadipeople कि यहा कविता  ग्रीष्म बसंत या मौसम जाड़ों मे  तुम जाना उन  हुस्न पहाड़ों मे I  ग्रीष्म बसंत या मौसम जाड़ों मे II जब पेड़ ढूठ सब हिलते है,  पर्वत अम्बर से मिलते है I ब्रह्मकमल जहां खिलते है,  सब अपनेपन से मिलते है II तुम जाना उन  हुस्न पहाड़ों मे I  ग्रीष्म बसंत या मौसम जाड़ों मे II क्या रखा शहर-ए-चार दीवारी मे,  जब दुनिया हिल गई महामारी मे I शाक सब्जियां घर की हर क्यारी मे,  जंहा भोलापन हर बेटी-"ब्वारी"मे II तुम जाना उन  हुस्न पहाड़ों मे I  ग्रीष्म बसंत या मौसम जाड़ों मे II

कविता फुलारी / श्री नरेंद्र सिंह नेगी

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फुलारी / श्री नरेंद्र सिंह नेगी चला फुलारी फूलों को सौदा-सौदा फूल बिरौला हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी मैं घौर छोड्यावा हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालो बसंत मैं घौर छोड्यावा हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि चला फुलारी फूलों को सौदा-सौदा फूल बिरौला भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ ना उनु धरम्यालु आगास ना उनि मयालू यखै धरती अजाण औंखा छिन पैंडा मनखी अणमील चौतर्फी छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा मैं घौर छोड्यावा हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फुल फुलदेई दाल चौंल दे घोघा देवा फ्योंल्या फूल घोघा फूलदेई की डोली सजली गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा होला चैती पसरू मांगना औजी खोला खोलो मा ढक्यां मोर द्वार देखिकी फुलारी खौल्यां होला।

माता राजराजेश्वरी के अद्भुत दर्शन

उत्तराखंड के गढवाल के 52 गढ़

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उत्तराखंड के गढ़वाल के 52 गढ़ 1. नागपुर गढ़    सम्बंधित जाती –   नाग जाती  नागपुर गढ़ : यह जौनपुर परगना में था। यहां नागदेवता का मंदिर है। यहां का अंतिम राजा भजनसिंह हुआ था। 2.  कोल्लिगढ़   स्थान –   बछणस्यूं   सम्बंधित जाती – बछवाड़ बिष्ट   कोल्ली गढ़ : यह बछवाण बिष्ट जाति के लोगों का गढ़ था। 3. रावडगढ़     स्थान –  बद्रीनाथ के निकट  सम्बंधित जाती –   रवाडी  4.  फल्याण गढ़    स्थान –  फल्दाकोट  सम्बंधित जाती –  फल्याण जाती के ब्राह्मण  5.  बांगर गढ़    स्थान –  बांगर  सम्बंधित जाती –  राणा  6.  कुइली गढ़    स्थान –   कुइली  सम्बंधित जाती –  सजवाण जाती  7.  भरपूर गढ़    स्थान –  भरपूर  सम्बंधित जाती –  सजवाण जाती  8.  कुजणी गढ़    स्थान –  कुजणी  सम्बंधित जाती –  सजवाण जाती  9.  सिल गढ़    स्थान –  सिल गढ़  सम्बंधित जाती –  सजवाण जाती  10.  मुंगरा गढ़    स्थान –  रंवाई  सम्बंधित जाती –  रावत जाती  11.  रैका गढ़    स्थान –  रैका  सम्बंधित जाती –  रमोला जाती  12.  मौल्या गढ़    स्थान –  रमोली  सम्बंधित जाती –  रमोला जाती  13.  उप्पू गढ़    स्थान –  उदयपुर  सम्बंधित जाती –  चौहान  14.  नाला गढ़    स्थान – 

केदारनाथ से 10km दूर एक जगह जिसके बारे मे जानके आप अपनी केदारनाथ की यात्रा फिर से करने की सोचोगे

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केदारनाथ से 10km दूर एक जगह जिसके बारे मे जानके आप अपनी केदारनाथ की यात्रा फिर से करने की सोचोगे  वशुकिताल  स्कंद पुराण के अनुसार वासुकी ताल वास्तव में गंगा के अंग कालिका नदी के जलधारण करने से बना तालाब है, जहां नागों के राजा वासुकी हर पल निवास करते हैं. स्कंद पुराण में वर्णित है कि श्रावण मास की पूर्णमासी के दिन इस ताल में मणि युक्त वासुकि नाग के दर्शन होते हैं. वासुकी ताल की परिधि लगभग 700 मीटर है इस तालाब के पानी से सोन नदी निकलती है.  . यही सोन नदी, केदारनाथ से निकलने वाली मंदाकिनी से सोनप्रयाग  में मिलती है.रास्ते मे कुबेर भगवान के दर्शन और माँ नंदा के प्रिय पुष्प उत्तराखंड राज्य पुष्प व्रह्मकमल भी दिखेंगे,यहाँ जाने के लिये कोई ट्रैक नही है ,बिना बने रास्ते के पहाड चढ़ना होता है , यहाँ ख़ो जाने का भय सबसे अधिक होता है , जब भी जाय लोकल गाइड के शाथ ही जाय  जय नाग देवता 

बाबा हेडाखान मंदिर श्वेत संगमरमर से निर्मित भव्य शिव मंदिर है उत्तराखन्ड

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बाबा हेडाखान मंदिर श्वेत संगमरमर से निर्मित भव्य शिव मंदिर है उत्तराखन्ड मान्यतानुसार शिव के अवतार बाबा श्री श्री श्री1008 बाबा हेड़ाखान महाराज के नाम से विख्यात हैं  1.....प्रसिद्ध अभिनेता शम्मीकपूर बाबाजी को अपना गुरु और इस आश्रम को अपना मायका मानते थे। उन्होने अपने बड़े पुत्र का विवाह इसी आश्रम मे करवाया था। यहा का भव्य शिव मंदिर ,  आश्रम, अन्य सभी मंदिरो, प्राकृतिक दृश्यो, और यहा से दिखने वाली पर्वत श्रृखंलाओ की भव्य एवं शानदार चित्र ऐवं वीडियो बना कर योरपीय देशो मे प्रचारित किया। तब से यहा विदेशी भक्तो की मानो बाढ सी आ गई। प्राप्त दान से आश्रम का विस्तार किया गया और बाबाजी को अंतर्राष्टीय भी ख्याती मिली।  1....हेड़ाखान मंदिर हल्द्वानी उत्तराखण्ड मे स्थित है। एक अन्य मंदिर रानीखेत से क़रीब चार या पांच किलोमीटर दूर हिमालय की सुरम्य वादियों में एक रमणीक पहाड़ी पर स्थित हैं । हल्द्वानी मे भी आश्रम है। 3....हिमालय से इस मंदिर नजारा बड़ा ही शानदार नजर आता हैं , यदि मौसम साफ़ हो तो सैकड़ों किलोमीटर दूर हिमालय की बर्फ से ढकी मुख्य चोटियाँ जैसे पंचचूली, नंदादेवी, चौखम्बा आदि साफ नजर आती हैं

उत्तराखण्ड प्रशासन

उत्तराखण्ड प्रशासन प्रभाग                                          2 (कुमाऊँ एवं गढ़वाल) जिले                                                    13 उप-जिले                                            78 तहसील                                             82 शहर                                                     116 गांवों की संख्या                                      16,793 विकास खंड                                       95 ग्राम पंचायत                                     7,555 न्याय पंचायत                                        670 विधानसभा क्षेत्र प्रतिनिधि                       70+1 (मनोनीत) लोक सभा क्षेत्र                                    5 राज्य सभा सीट                                    3 नगर निगम                                                6 छावनी परिषद्                                        9 विकास प्राधिकरण                               6 औद्योगिक नगर                                       2 नगर पंचायत                                      

उत्तराखंड के मुख्य शहरों के प्रतीक

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मुख्य शहरों के प्रतीक   झीलों की रानी नैनीताल कुमाऊँ का प्रवेश द्वार काठगोदाम पहाड़ों की रानी मसूरी संत नगरी ऋषिकेश छोटा कश्मीर पिथौरागढ़ मंदिरों का शहर द्वाराहाट गढ़वाल का प्रवेश द्वार कोटद्वार भारत का स्विट्ज़रलैंड कौसानी तीर्थ नगरी हरिद्वार बाल-मिठाई का घर अल्मोड़ा दून देहरादून कत्यूरी घाटी बैजनाथ लीची नगर देहरादून वन नगरी देहरादून मिलिट्री नगर देहरादून

उत्तराखण्ड सामान्य जानकारी

उत्तराखण्ड सामान्य जानकारी हाई कोर्ट                                      नैनीताल फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट                             45 सबसे लम्बी नदी                           काली नदी (252 किमी०) सबसे ऊँची चोटी                          नन्दादेवी (7817 मी०) सबसे बड़ा बुग्याल                        बेदनी (चमोली) राष्ट्रीय राजमार्ग                            14 राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई            2,149 किमी० पोस्ट ऑफिस                              2,719 टेलीफोन एक्सचेंज                       476 क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय.             देहरादून वार्षिक वर्षा                               200 से०मी० प्रमुख धर्म                                 हिन्दू, इस्लाम नदियाँ                                      अलकनंदा, भागीरथी, यमुना, काली

पिथौरागढ़ जनपद का ( गंगोलीहाट महाकाली मंदिर )

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पिथौरागढ़ जनपद का (  गंगोलीहाट  महाकाली मंदिर ) देवभूमि स्थित माता भगवती महाकालिका का यह दरबार अनगिनत, असंख्य अलौकिक दिव्य चमत्कारों से भरा पड़ा है। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में स्थित लोगों की आस्था का केंद्र महाकाली मंदिर अनेक रहस्यमयी कथाओं को अपने आप में समेटे हुये है। कहा जाता है कि जो भी भक्तजन श्रद्वापूर्वक महाकाली के चरणों में आराधना के पुष्प अर्पित करता है  स्‍थानीय लोग बताते हैं यहां श्रद्वा एवं विनयता से की गयी पूजा का विशेष महत्व हैं। इसलिये वर्ष भर यहां बडी संख्या में श्रद्वालु पहुंचते हैं। महाकाली के संदर्भ में एक प्रसिद्व किवदन्ति है कि कालिका का जब रात में डोला चलता है तो इस डोले के साथ कालिका के गण, आंण व बांण की सेना भी चलती हैं। कहते हैं यदि कोई व्यक्ति इस डोले को छू ले तो दिव्य वरदान प्राप्त  होता है  इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि महाआरती के बाद मंदिर में शक्ति के पास महाकाली का बिस्तर लगाया जाता है और प्रातः काल बिस्तर पर सिलवटे दिखाई देती हैं। जिसे देखकर यह माना जाता है कि कालिका विश्राम करके गयी हों। मां काली के प्रति उनके तमाम किस्से आज भी क्षेत्र में सुने जाते

उत्तराखंड के जनरल नॉलेज से कुछ सवाल जो सबको पता होना चाहिए

1. उत्तराखंड हाइकोर्ट के प्रथम चीफ जस्टिस – जस्टिस ए.ए. देसाई 2. उत्तराखंड की राजधानी है – देहरादून 3. उत्तराखंड में सिंचित क्षेत्र है –12.5 percent 4. गंगा का उद्गम है – गंगोत्री से 5. फूलों की घाटी स्थित है – चामोली में 6. उत्तराखंड में विक्टोरिया क्रॉस सम्मान पाने 7. वाला सबसे कम उम्र का सैनिक है – गबर सिंह नेगी 8. टिफिन टॉप स्थित है – नैनीताल 9. केदारनाथ में स्थापित हैं – भगवान शिव 10. उत्तराखंड राज्य की आय का प्रमुख साधन कौन सा है – वन संसाधन एवं पर्यटन

garhwali कवहते

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जाण न पछ्याण मि त्येरु मैमान।  अग्ने कि जगि मुछळी पैथरि आंदी।  जन रमाळ च गौड़ी तन दुधाळ बी होंदी।   दुति एक सरग मा थेकळी लगान्दी हैकि उदाड़ी लांदी। सुबेरो खायूं बाबो ब्यो कयूं हमेसा काम आन्दू। 

Uttarakhand - Questionnaire

उत्तराखण्ड -प्रश्नावली 1. उत्तराखंड का ‘बरदोली’ किस स्थान/स्थल को कहा गया था? – सल्ट 2. कुमाऊँ परिषद् की स्थापना कब हुई? – 1916 में 3. किस ग्रंथ में उत्तराखंड के लिए ‘देवभूमि’ शब्द आया है? – ऋग्वेद 4. गढ़वाल के लिए ‘केदारखण्ड’ व कुमाऊँ के लिए ‘मानसखण्ड’ शब्द का किस पुराण में उल्लेख है? – स्कन्दपुराण 5. आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि कहां स्थित है? – केदारनाथ में 6. गोरखों ने कुमाऊँ पर कब अधिकार कर लिया था? – 1790 ई. में 7. पृथक राज्य की माँग सर्वप्रथम श्रीनगर (गढ़वाल) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस वर्ष के अधिवेशन में उठायी गयी? – 1938 में 8. उत्तराखंड के सबसे उत्तर में स्थित जिला कौन-सा है? – उत्तरकाशी 9. उत्तराखंड उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है? – नैनीताल 10. उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे? – नित्यानन्द स्वामी 11. मोनाल पक्षी किस ऊँचाई तक मिलती हैं? – 8000-20000 फीट 12. उत्तराखंड में आपदा प्रबन्धन मंत्रालय तथा आपदा प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण केन्द्र के गठन में मॉडल किस देश से लिया गया है? – आस्ट्रेलिया से 13. उत्तराखंड का कौन-सा क्षेत्र भू-स्खलन के मामले में आत्यधिक सुभेद्य