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टॉप 25 + केदारनाथ महादेव शायरी और स्टेटस ,Top 25 + Kedarnath Shayari And Status

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केदारनाथ महादेव शायरी और स्टेटस Kedarnath Quotes in hindi अगर आप महादेव केदारनाथ के भक्त हैं तो आपको यह लेख अपने दोस्तों के साथ भी साझा करना चाहिए जिससे आपके दोस्त भी इस लेख को पढ़ सके। और इस लेख में दी गई केदारनाथ शायरी स्टेट्स कोट्स का आनन्द ले सके।  ❝ एक बार केदारनाथ महादेव के दर्शन कर ले, जिन्दगी सारी खुशी से गुज़र जाएगी।❜❜ पूछा किसी ने मुझसे याद आती है। मेने कहा, उस से ज्यादा तो मुझे केदारनाथ जाने की याद आती है।   केदारनाथ आना होता है।   महादेव बडे जतन के बाद, पा ही लूँगा तुझे मे… केदारनाथ आने के बाद। इश्क , मोहब्बत और प्यार  ये सब तो आम हे  केदारनाथ की तस्वीर से सुन्दर  ना सुबह ना श्याम हे  प्यार और लड़कियों से दूर रहता हूं मैं केदारनाथ महादेव की भक्ति में लीन रहता हूं ! केदारनाथ जाने को तैयार रहता हूं।  उलझी हुई जिंदगी का सफर तेरे हाथ में है मंजिल की फिक्र में नही करता क्योंकि केदारनाथ महादेव का आशीर्वाद मेरे साथ में है ! माया को चाहने वाला अक्शर  बिखर जाता हे और  केदारनाथ जाने वाला  निखर जाता हे  कर्ता करे न कर सके  मेरे केदारनाथ महादेव करे सो होय  तीन लोग नौ खंड में  केदारनाथ

शिव महिमा!!!!

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शिव महिमा!!!! महाभारत के महासमर में गाण्डीवधारी अर्जुन कौरवों का संहार कर रहे थे। जिधर श्रीकृष्ण रथ को घुमाते थे, उधर अर्जुन के बाणों से बड़े-बड़े महारथी तथा विशाल सेना मारी जाती थी। द्रोणाचार्य की मृत्यु के पश्चात् कौरव सेना भाग खड़ी हुई। इसी बीच अचानक महर्षि वेदव्यासजी स्वेच्छा से घूमते हुए अर्जुन के पास आ गये। उन्हें देखकर जिज्ञासावश अर्जुन ने उनसे पूछा- 'महर्षे ! जब मैं अपने बाणों से शत्रुसेना का संहार कर रहा था, उस समय मैंने देखा कि एक तेजस्वी महापुरुष हाथ में त्रिशूल लिये हमारे रथ के आगे-आगे चल रहे थे। सूर्य के समान तेजस्वी उन महापुरुष का पैर जमीन पर नहीं पड़ता था। त्रिशूल का प्रहार करते हुए भी वे उसे हाथ से कभी नहीं छोड़ते थे। उनके तेज से उस एक ही त्रिशूल से हजारों नये-नये त्रिशूल प्रकट होकर शत्रुओं पर गिरते थे। उन्होंने ही समस्त शत्रुओं को मार भगाया है। किंतु लोग समझते हैं कि मैंने ही उन्हें मारा और भगाया है। भगवन्! मुझे बताइये, वै महापुरुष कौन थे?'              कमण्डलु और माला धारण किये हुए महर्षि वेदव्यास ने शान्तभाव से उत्तर दिया- 'वीरवर! प्रजापतियों में प्रथम, ते