लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड ( Lansdowne Pauri Garhwal, Uttarakhand)
लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
लैंसडाउन उत्तराखण्ड राज्य (भारत) के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक छावनी शहर है। उत्तराखण्ड के गढ़वाल में स्थित लैंसडाउन बेहद खूबसूरत पहाड़ी है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 1706 मीटर है। यहाँ की प्राकृतिक छटा सम्मोहित करने वाली है। यहाँ का मौसम पूरे साल सुहावना बना रहता है। हर तरफ फैली हरियाली आपको एक अलग दुनिया का एहसास कराती है। दरअसल, इस जगह को अंग्रेजों ने पहाड़ों को काटकर बसाया था। खास बात यह है कि दिल्ली से यह हिल स्टेशन काफी नजदीक है। आप 5-6 घंटे में लैंसडाउन पहुँच सकते हैं। अगर आप बाइक से लैंसडाउन जाने की योजना बना रहे हैं तो आनंद विहार के रास्ते दिल्ली से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने के बाद मेरठ, बिजनौर और कोटद्वार होते हुए लैंसडाउन पहुँच सकते हैं।
गढ़वाल राइफल्स का गढ़
लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
पर्यटन स्थल
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस इलाके में देखने लायक काफी कुछ है। प्राकृतिक छटा का आनन्द लेने के लिए टिप इन टॉप जाया जा सकता है। यहाँ से बर्फीली चोटी और मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। दूर-दूर तर फैले पर्वत और उनके बीच छोटे-छोटे कई गाँव आसानी से देखे जा सकते हैं। इनके पीछे से उगते सूरज का नजारा अद्भुत प्रतीत होता है। साफ मौसम में तो बर्फ से ढँके पहाड़ों की लम्बी श्रृंखला दिखती हैं। पास में ही 100 साल से ज्यादा पुराना सेंट मैरीज़ चर्च भी है। यहाँ की भुल्ला ताल बहुत प्रसिद्ध है। यह एक छोटी-सी झील है जहाँ नौकायन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। शाम को सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा संतोषी माता मंदिर से दिखता है। यह मंदिर लैंसडाउन की ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। वैसे, यहाँ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ताड़केश्वर मंदिर भी है। यह भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। इसे सिद्ध पीठ भी माना जाता है। यह पहाड़ पर 2092 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पूरा मंदिर ताड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा है। यह पूरा इलाका खूबसूरत होने के साथ-साथ शान्त भी है। सैलानी यहाँ पहाड़ चढ़ने, बाइकिंग, सायकलिंग जैसे साहसी खेलों के लिए भी आते हैं।
लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
भारत की राजधानी दिल्ली से लैंसडाउन करीब 270 कि॰मी॰ की दूरी पर है। यहाँ विभिन्न मार्गों से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से लैंसडाउन आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह कई शहरों से जुड़ा हुआ है। निजी और सरकारी बसें कोटद्वार तक जाती हैं, जहाँ से लैंसडाउन करीब 40 कि॰मी॰ की दूरी पर है।
रेलवे: नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार स्टेशन है। वहाँ से फिर टैक्सी या सरकारी बस आदि से लैंसडाउन पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा: नजदीकी हवाई अड्डा यहाँ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्राँट एयरपोर्ट है, जो लैंसडाउन से करीब 152 कि॰मी॰ की दूरी पर है।
जनसांख्यिकीय
2001 के अनुसार भारत की जनगणना, के अनुसार लैंसडाउन की जनसंख्या 7902 थी। पुरुष 64% और महिलाएँ 36% थीं। लैंसडाउन में औसत साक्षरता 86% है जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पुरुषों की साक्षरता 91% व महिलाओं की 79% है। लैंसडाउन में 9% जनसंख्या 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की है।
- गढ़वाल राइफल्स शांति सेना द्वारा ऑपरेशन पवन (1987-88) Operation Pawan by Garhwal Rifles Peace Force (1987-88)
- गढ़वाल राइफल्स 1971 युद्ध (Garhwal Rifles 1971 War)
- गढ़वाल राइफल्स कारगिल युद्ध (Garhwal Rifles Kargil War)
- गढ़वाल राइफल्स 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध (Garhwal Rifles Indo-Pakistani War of 1965)
- गढ़वाल राइफल्स 1962 का भारत-चीन युद्ध (Garhwal Rifles Indo-China War of 1962)
- गबर सिंह नेगी (Gabar Singh Negi)
- जसवंत सिंह रावत (Jaswant Singh Rawat Indian soldier)
- दरबान सिंह नेगी (Darban Singh Negi
- गब्बर सिंह नेगी, इनकी बहादुरी को आज भी याद (Gabbar Singh Negi still remembers his bravery )
- लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड ( Lansdowne Pauri Garhwal, Uttarakhand)
- गढ़वाल राइफल्स भारतीय सेना की एक थलसेना रेजिमेंट (The Garhwal Rifles is an army regiment of the Indian Army)
- 1970 के दशक में गढ़वाल राइफल्स भर्ती( Garhwal Rifles Recruitment in the 1970s)
- आजाद हिन्द फौज में उत्तराखण्ड का भी बड़ा योगदान था (Uttarakhand also had a major contribution in the Azad Hind Fauj)
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