लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड (Lansdowne is the history city of the state of Uttarakhand. Along with this Garhwal Army traning place is also here, there is a beautiful hill here.)

 लैंसडाउन

पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड

लैंसडाउन


लैंसडाउन उत्तराखण्ड राज्य (भारत) के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक छावनी शहर है। उत्तराखण्ड के गढ़वाल में स्थित लैंसडाउन बेहद खूबसूरत पहाड़ी है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 1706 मीटर है। यहाँ की प्राकृतिक छटा सम्मोहित करने वाली है। यहाँ का मौसम पूरे साल सुहावना बना रहता है। हर तरफ फैली हरियाली आपको एक अलग दुनिया का एहसास कराती है। दरअसल, इस जगह को अंग्रेजों ने पहाड़ों को काटकर बसाया था। खास बात यह है कि दिल्ली से यह हिल स्टेशन काफी नजदीक है। आप 5-6 घंटे में लैंसडाउन पहुँच सकते हैं। अगर आप बाइक से लैंसडाउन जाने की योजना बना रहे हैं तो आनंद विहार के रास्ते दिल्ली से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने के बाद मेरठ, बिजनौर और कोटद्वार होते हुए लैंसडाउन पहुँच सकते हैं।

लैंसडाउन Indian Army

गढ़वाल राइफल्स का गढ़


खूबसूरत हिल स्टेशन लैंसडाउन को अंग्रेजों ने वर्ष 1887 में बसाया था। उस समय के वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर ही इसका नाम रखा गया। वैसे, इसका वास्तविक नाम कालूडांडा है। यह पूरा क्षेत्र सेना के अधीन है और गढ़वाल राइफल्स का गढ़ भी है। आप यहाँ गढ़वाल राइफल्स वॉर मेमोरियल और रेजिमेंट म्यूजियम देख सकते हैं। यहाँ गढ़वाल राइफल्स से जुड़ी चीजों की झलक पा सकते हैं। संग्रहालय शाम के 5 बजे तक ही खुला रहता है। इसके करीब ही परेड ग्राउंड भी है, जिसे आम पर्यटक बाहर से ही देख सकते हैं। वैसे, यह स्थान स्वतंत्रता आन्दोलन की कई गतिविधियों का गवाह भी रह चुका है।
लैंसडाउन Indian army

पर्यटन स्थल

प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस इलाके में देखने लायक काफी कुछ है। प्राकृतिक छटा का आनन्द लेने के लिए टिप इन टॉप जाया जा सकता है। यहाँ से बर्फीली चोटी और मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। दूर-दूर तर फैले पर्वत और उनके बीच छोटे-छोटे कई गाँव आसानी से देखे जा सकते हैं। इनके पीछे से उगते सूरज का नजारा अद्भुत प्रतीत होता है। साफ मौसम में तो बर्फ से ढँके पहाड़ों की लम्बी श्रृंखला दिखती हैं। पास में ही 100 साल से ज्यादा पुराना सेंट मैरीज़ चर्च भी है। यहाँ की भुल्ला ताल बहुत प्रसिद्ध है। यह एक छोटी-सी झील है जहाँ नौकायन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। शाम को सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा संतोषी माता मंदिर से दिखता है। यह मंदिर लैंसडाउन की ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। वैसे, यहाँ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ताड़केश्वर मंदिर भी है। यह भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। इसे सिद्ध पीठ भी माना जाता है। यह पहाड़ पर 2092 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पूरा मंदिर ताड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा है। यह पूरा इलाका खूबसूरत होने के साथ-साथ शान्त भी है। सैलानी यहाँ पहाड़ चढ़ने, बाइकिंग, सायकलिंग जैसे साहसी खेलों के लिए भी आते हैं।



कैसे पहुँचे

भारत की राजधानी दिल्ली से लैंसडाउन करीब 270 कि॰मी॰ की दूरी पर है। यहाँ विभिन्न मार्गों से पहुँचा जा सकता है।


सड़क मार्ग से लैंसडाउन आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह कई शहरों से जुड़ा हुआ है। निजी और सरकारी बसें कोटद्वार तक जाती हैं, जहाँ से लैंसडाउन करीब 40 कि॰मी॰ की दूरी पर है।


रेलवे: नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार स्टेशन है। वहाँ से फिर टैक्सी या सरकारी बस आदि से लैंसडाउन पहुँचा जा सकता है।


हवाई अड्डा: नजदीकी हवाई अड्डा यहाँ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्राँट एयरपोर्ट है, जो लैंसडाउन से करीब 152 कि॰मी॰ की दूरी पर है।


जनसांख्यिकीय

2001 के अनुसार  भारत की जनगणना, के अनुसार लैंसडाउन की जनसंख्या 7902 थी। पुरुष 64% और महिलाएँ 36% थीं। लैंसडाउन में औसत साक्षरता 86% है जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पुरुषों की साक्षरता 91% व महिलाओं की 79% है। लैंसडाउन में 9% जनसंख्या 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की है।

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