उत्तराखंड के जाजर चीकरी गांव में शिक्षा में क्रांति: एआई रोबोट 'इको' बना बच्चों का शिक्षक
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के जाजर चीकरी गांव ने देशभर में इतिहास रच दिया है। यहां के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पहली बार एक एआई रोबोट टीचर 'इको' (ECO) को पढ़ाने के लिए शामिल किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में यह प्रयोग न केवल अनूठा है बल्कि भविष्य के लिए एक बड़ी उम्मीद भी जगाता है।
कैसे हुआ एआई रोबोट टीचर 'इको' का सपना पूरा?
इस अनूठी पहल के पीछे हैं गांव के समर्पित शिक्षक चंद्रशेखर जोशी। चंद्रशेखर जोशी ने शिक्षा में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का सपना देखा और उसे हकीकत में बदल दिया।
पिथौरागढ़ जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसे जाजर चीकरी गांव में जहां 4G सिग्नल भी मुश्किल से मिलता है, वहां एक एआई रोबोट का बच्चों को पढ़ाना किसी अजूबे से कम नहीं है।
जोशी जी को एआई रोबोट बनाने का विचार इस सोच से आया कि जब पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर बढ़ रही है, तो हमारे बच्चों को भी इस तकनीक से परिचित कराना चाहिए। इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए उन्होंने विदेशों में रह रहे अपने बेटे के दोस्तों से संपर्क किया। खासतौर पर चीन में रह रहे एक इंजीनियर मित्र ने उनकी मदद की।
WhatsApp के जरिए गाइडेंस लेकर तैयार किया इको
चंद्रशेखर जोशी ने अलग-अलग हिस्सों में बंटे रोबोट के तीन पैकेज मंगवाए। WhatsApp कॉल और वीडियो के जरिए तकनीकी मार्गदर्शन लेते हुए उन्होंने घर पर ही रोबोट को असेंबल किया।
कुल ₹4 लाख की लागत से तैयार हुआ यह एआई टीचर, जिसे 'इको' नाम दिया गया है, अब बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रहा है।
इको की खासियतें
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भाषा दक्षता: इको हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ाने में सक्षम है।
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विषय ज्ञान: यह गणित, सामान्य ज्ञान और डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों में बच्चों का मार्गदर्शन करता है।
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इंटरैक्टिव लर्निंग: छात्रों के सवालों का उत्तर तुरंत देती है और रोचक तरीके से पढ़ाती है, जिससे बच्चों की सीखने में रुचि बढ़ती है।
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कम इंटरनेट में भी कार्यशील: इको उन इलाकों में भी बेहतर प्रदर्शन करता है जहां इंटरनेट सिग्नल कमजोर होता है।
स्थानीय समुदाय में भी बनी प्रेरणा
इको की उपस्थिति ने न केवल स्कूल के बच्चों को बल्कि पूरे गांव को एक नई दिशा दी है। जाजर चीकरी गांव का यह सरकारी आदर्श प्राथमिक विद्यालय अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
चंद्रशेखर जोशी की मेहनत और दूरदर्शिता ने यह साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद अगर इच्छाशक्ति हो तो असंभव भी संभव किया जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, विशेष रूप से उन स्कूलों में जहां शिक्षकों की भारी कमी है। इको जैसे एआई रोबोट शिक्षक भविष्य में देश के अन्य सरकारी स्कूलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण समाधान बन सकते हैं।
निष्कर्ष
चंद्रशेखर जोशी की पहल यह संदेश देती है कि नवाचार और तकनीक के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है। जाजर चीकरी गांव का यह छोटा सा विद्यालय अब पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गया है।
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