हे मेरी आंख्युं का रतन | Narendra Singh Negi Songs Lyrics
प्रस्तुतकर्ता
Trilok Singh Negi
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हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी - गढवाली लोकगीत और हिन्दी ...
इस लोरी को मै सुनते हुवे लिख रहा था तो मेरी आँखों में पानी आ गया और आप सुनोगे तो जरुर आपका मन भी उन यादों में खो जायेगा, मा अपने बच्चे को सुला रही है वो उसे लोरी बोल रही है हे मेरी आँखों के रतन सोजा उसे अभी घर के बहुत सरे काम करने हैं सोजा उसके साथ की सहेलियों ने सरे काम कर दिए हैं और उसके सरे काम ऐसे ही पड़े हुवे हैं तू सोजा
हे मेरी आंख्युं का रतन
बाला स्ये जादी,बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन
बाला स्ये जादी-२
हे मेरी आंख्युं का रतन
बाला स्ये जादी-४
मेरी औंखुडी पौन्खुड़ी छै तू, मेरी स्याणी छै गाणी
मेरी स्याणी छै गाणी
मेरी जिकुड़ी उकुड़ी ह्वेल्यु रे स्येजा बोल्युं मानी
स्येजा बोल्युं मानी
न हो जिधेर ना हो बाबु जन बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
तेरी घुन्द्काली तू की मुट्ठ्युं मा मेरा सुखी दिन बुज्याँन
मेरा सुखी दिन बुज्याँन
तेरी टुरपुरि तों बाली आंख्युं मा मेरा सुप्न्या लुक्याँन
मेरा सुप्न्या लुक्याँन
मेरी आस सांस तेम ही छन बाला स्ये जादी
हे मेरी आंख्युं का रतन, बाला स्ये जादी
हे पापी निंद्रा तू कख स्येंयी रैगे आज
स्येंयी रैगे आज
मेरी भांडी कुण्डी सुचण रै ग्येनी, घर बोण कु काम काज
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