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50 + पहाड़ी कहावतें II - 50 + Pahari Proverbs II
50 + पहाड़ी कहावतें II - 50 + Pahari Proverbs II #पहाड़ी_कहावतें पहाड़ी कहावतें ,कुमाउनी कहावतें और गढ़वाली कहावतें।
- जाण न पछ्याण मि त्येरु मैमान।
- दुति एक सरग मा थेकळी लगान्दी हैकि उदाड़ी लांदी।
- मुंडा मकै फवाक।
- अग्ने कि जगि मुछळी पैथरि आंदी।
- जन रमाळ च गौड़ी तन दुधाळ बी होंदी।
- लताड़ च पर दुधाळ खूब च।
- माछा नि खांदू पर मछ्वेण खूब खांदू ।
- जोगी भागी हँगणि बटि।
- कजेणयूं देख्यूं बाघ अर मर्दों देख्यूं घास पर बिस्वास नि कन।
- सरि ढेबरि मुंडी मांडी पुछ्ड़े दां नार्ट कराट।
- सुबेरो खायूं बाबो ब्यो कयूं हमेसा काम आन्दू।
- आन्ख्यूं मा खोड़ सी चूबणू
- जूटू खाण बल मिठा लोभ।
- ब्वरियूँ सगोर देखी भट भुजण बटि।
- बुग्लो बाघ बताण।
- कितुलू मोरी गुरों कि सौर कैकी।
- हँगदारू नि पकड़े जग्दरू पकड़े।
- देर च पर अंधेर नी।
- कित्लू कैर बल गुरों कि सौर तकणे- तकणे कि मौर।
- जन बुतली तन कटली।
- भलि होंदी त बल ..... नि खांदी।
- दोण नि सक्दू सोला पथा खूब सक्दू।
- हड्गू बल गोळा फंस्यु रसी सान होणि।
- हग्दी दां गीत लागाण।
- चिबलठा घोळ मा हाथ लागाण।
- घाट घाटो पाणी पियूं।
- उकाळ चौड़ी सरबट।
- गुरू गुड़ रैगि चेला सकर व्हेगी।
- घुट्दू छौ त गौळ फुकेंदू, थुक्दू छौ त दूध खातेंदू।
- सेंट्लों की पंचेत।
- बुढ़ेंदू बिग्वूचेणू
- कख मैणू धोळी कख माछा मोरिन।
- बाबे हथै रोटि।
- आँगुळी उंद नि मूत।
- जैकू भात नि खाण, विकू गीत क्या गाण।
- निप्न्दों सिमळो द्वार।
- सूत से पूत प्यारो।
- सी नरणि। गुरो
- अण भूट्यां खयान
- बोली बात बीती रात दुबरा नि आन्द।
- ग्यूं दगड़ी घुण बी पिसेंदन।
- गैणा गणोंलू, माछा मरोलू।
- पाळए सेखि घाम आण तके, पौणे सेखि भात खाण तैके। xxx
- हागि नि जाणि फुंजी खूब जाणि।
- पैंसा न पल्ला द्वि ब्यौ क्ला।
- बिज्या आन्ख्यूं का सुप्न्या।
- सिंगू तेल लग्यूं ।
- जिकुड़ी मा डांग।
- जबरि तचि नि तबरि तिडग्या। ↳↳
- बल्द बल्द बल कख जणि छै, बल हौळ, बल बोड़ बोड़ कख जाणि छै हौळ हौळ (श्यामकू वक्त) बल्द-बल्द कख बटि आणी छै- बल हौळ-हौळ, बल बोड़-बोड़ कख बटि आणि छै बल हौळss ।
- स्वीली पीड़ा बल कि दै पीड़ा।
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