50 + पहाड़ी कहावतें II - 50 + Pahari Proverbs II

50 + पहाड़ी कहावतें II - 50 + Pahari Proverbs II #पहाड़ी_कहावतें पहाड़ी कहावतें ,कुमाउनी कहावतें और गढ़वाली कहावतें।


  1. जाण न पछ्याण मि त्येरु मैमान। 
  2. दुति एक सरग मा थेकळी लगान्दी हैकि उदाड़ी लांदी। 
  3. मुंडा मकै फवाक। 
  4. अग्ने कि जगि मुछळी पैथरि आंदी।  
  5. जन रमाळ च गौड़ी तन दुधाळ बी होंदी।  
  6. लताड़ च पर दुधाळ खूब च। 
  7. माछा नि खांदू पर मछ्वेण खूब खांदू । 
  8. जोगी भागी हँगणि बटि। 
  9. कजेणयूं देख्यूं बाघ अर मर्दों देख्यूं घास पर बिस्वास नि कन। 
  10. सरि ढेबरि मुंडी मांडी पुछ्ड़े दां नार्ट कराट। 
  11. सुबेरो खायूं बाबो ब्यो कयूं हमेसा काम आन्दू। 
  12. आन्ख्यूं मा खोड़ सी चूबणू
  13. जूटू खाण बल मिठा लोभ। 
  14. ब्वरियूँ सगोर देखी भट भुजण बटि। 
  15. बुग्लो बाघ बताण। 
  16. कितुलू मोरी गुरों कि सौर कैकी। 
  17. हँगदारू नि पकड़े जग्दरू पकड़े। 
  18. देर च पर अंधेर नी। 
  19. कित्लू कैर बल गुरों कि सौर तकणे- तकणे कि मौर। 
  20. जन बुतली तन कटली। 
  21. भलि होंदी त बल ..... नि खांदी। 
  22. दोण नि सक्दू सोला पथा खूब सक्दू। 
  23. हड्गू बल गोळा फंस्यु रसी सान होणि। 
  24. हग्दी दां गीत लागाण। 
  25. चिबलठा घोळ मा हाथ लागाण। 
  26. घाट घाटो पाणी पियूं।                                                                                                                                       
  27. उकाळ चौड़ी सरबट। 
  28. गुरू गुड़ रैगि चेला सकर व्हेगी। 
  29. घुट्दू छौ त गौळ फुकेंदू, थुक्दू छौ त दूध खातेंदू। 
  30. सेंट्लों की पंचेत। 
  31. बुढ़ेंदू बिग्वूचेणू 
  32. कख मैणू धोळी कख माछा मोरिन। 
  33. बाबे हथै रोटि। 
  34. आँगुळी उंद नि मूत। 
  35. जैकू भात नि खाण, विकू गीत क्या गाण। 
  36. निप्न्दों सिमळो द्वार।
  37. सूत से पूत प्यारो।      
  38. सी नरणि। गुरो                                                   
  39. अण भूट्यां खयान
  40. बोली बात बीती रात दुबरा नि आन्द। 
  41. ग्यूं दगड़ी घुण बी पिसेंदन। 
  42. गैणा गणोंलू, माछा मरोलू। 
  43. पाळए सेखि घाम आण तके, पौणे सेखि भात खाण तैके। xxx
  44. हागि नि जाणि फुंजी खूब जाणि। 
  45. पैंसा न पल्ला द्वि ब्यौ क्ला। 
  46. बिज्या आन्ख्यूं का सुप्न्या। 
  47. सिंगू तेल लग्यूं । 
  48. जिकुड़ी मा डांग। 
  49. जबरि तचि नि तबरि तिडग्या।  ↳↳
  50. बल्द बल्द बल कख जणि छै, बल हौळ, बल बोड़ बोड़ कख जाणि छै हौळ हौळ (श्यामकू वक्त) बल्द-बल्द कख बटि आणी छै- बल हौळ-हौळ, बल बोड़-बोड़ कख बटि आणि छै बल हौळss । 
  51. स्वीली पीड़ा बल कि दै पीड़ा। 

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