उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था (Panchayatiraj System in Uttarakhand)

उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था | Panchayatiraj System in Uttarakhand in Hindi

उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था 

उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था (Panchayatiraj System in Uttarakhand)
उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था को सबसे पहले  जब हमारा देश आजाद हुआ। 24 अप्रैल 1994 को इसे संवैधानिक निकाय के रूप में 73वें संविधान संशोधन में उत्तर प्रदेश पंचायती राज विधि विधेयक 1994 के तहत लागू किया गया। इसीलिए 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता हैं। उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था राज्य में पंचायती राज व्यवस्था सर्वप्रथम 15 अगस्त 1947 को लागू की गई थी । यह व्यवस्था सर्वप्रथम राजस्थान के नागौर जिले से प्रारम्भ की गई थी। 1961 से इस व्यवस्था को त्रिस्तरीय रूप में लागू किया गया। इसे बलवंत राय मेहता समिति द्वारा सुझाया गया था। 24 अप्रैल 1994 को इसे संवैधानिक निकाय के रूप में 73वें संविधान संशोधन में उत्तर प्रदेश पंचायती राज विधि विधेयक 1994 के तहत लागू किया गया था। 12 मार्च 2008 में  पंचायती राज अधिनियम के अनुसार 5 पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण 33% बढ़ाकर 50% कर दिया गया।
Panchayatiraj System

उत्तराखंड राज्य में कुल जिला पंचायतें(Total Numbers of District Panchayat in Uttrakhand)

  1. राज्य में कुल जिला पंचायत 13 है ।
  2. यह पंचायती राज व्यवस्था का सबसे  शीर्ष निकाय है।
  3. इसका सचिव जिले का मुख्य विकास अधिकारी /पंचायती राज्य अधिकारी होता है।
  4. यह एक निगमित निकाय है ।
  5. इसके सदस्यों का चुनाव जिले के व्यस्क  जनता द्वारा किया गया किया जाता है ।
  6. जिला पंचायत की समितियां( District Panchayat Committees)

जिला पंचायत अपने मेंबर को चुनकर 6 प्रकार की समितियां गठित करती है।

  1. नियोजन समिति और विकास समिति
  2. शिक्षा समिति
  3. प्रशासनिक समिति
  4. पेयजल समिति
  5. स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति
  6. निर्माणकार्य समिति

उत्तराखंड राज्य में कुल क्षेत्र पंचायते(Total Numbers of Kshetra Panchayat in Uttrakhand)

  1. राज्य में  कुल क्षेत्र पंचायते 95 है।
  2. त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में क्षेत्र पंचायत मध्यस्तरीय निकाय है।
  3. इसके अध्यक्ष को प्रमुखता उपाध्यक्ष को उपप्रमुख कहा जाता है।
  4. क्षेत्र पंचायत का सचिव वीडियो खंड विकास अधिकारी (BDO)होता है।

उत्तराखंड राज्य में कुल ग्राम पंचायते(Total Numbers of Gram Panchayat in Uttrakhand)

  1. राज्य में कुल ग्राम पंचायतें 7791 हैं ।
  2. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सबसे निम्न स्तर का ग्राम पंचायत होता है ।
  3. किसी भी ग्राम पंचायत के सदस्यों की संख्या 5 से कम व 15 से अधिक नहीं हो सकती ।
  4. ग्राम पंचायतों के सब अभिलेख ग्राम प्रधान के पास होते हैं तब सचिव की नियुक्ति ग्राम पंचायत के द्वारा की जाती है ।
  5. सर्वाधिक ग्राम पंचायत वाला जिला –पौड़ी 
  6. 1174 कुल ग्राम पंचायत वाला जिला है।
  7. सबसे कम ग्राम पंचायत वाला जिला– चंपावत
  8. कुल 313 ग्राम पंचायत वाला जिला है।
  9. सर्वाधिक आबाद ग्राम वाला जिला –पौड़ी
  10. सबसे कम आबाद  गांव वाला जिला– हरिद्वार 
  11. सर्वाधिक वन आबाद  ग्राम वाला जिला–नैनीताल  
  12. सबसे कम वन आबाद वाला जिला –रुद्रप्रयाग 
उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था 

उत्तराखंड राज्य में नगर निकाय प्रणाली(Nagar Nikaay Pranaalee)

  1. राज्य में कुल नगर निकाय 92 हैं।
  2. राज्य में नागरिक स्वायत्त शासन प्रणाली की शुरुआत 1916 में हुई थी ।
  3. 1993 में 74 वें संविधान संशोधन द्वारा निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया गया  ।
  4. 1994 में इन निकायों के लिए नया अधिनियम पास किया गया था।
  5. सबसे बड़ा नगर निकाय देहरादून वह सबसे छोटा नगर निकाय कीर्तिनगर है  ।
  6. प्रदेश में त्रिस्तरीय शासन व्यवस्था है जो निम्न है–
  • नगर निगम
  • नगर पालिका परिषद
  • नगर पंचायत 

उत्तराखंड राज्य में कुल नगर निगम(Total Nagar Nigam in Uttrakhand)

  1. उत्तराखंड राज्य में कुल  9 नगर निगम है।
  2. राज्य में नगर परिषद का गठन उन नगरों में किया जाता है जिनकी संख्या 1 लाख या अधिक तथा पहाड़ में 90000 या अधिक होती है।
  3. नगर निगमों की रचना एक नगर प्रमुख अर्थात मेयर डिप्टी मेयर और सभा दो से होती है ।
  4. मेयर व सभासदों का चुनाव 5 वर्ष के लिए प्रत्यक्ष रीति से होता हैं।
  5. डिप्टी मेयर का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से होता है ।
  6. उत्तराखंड में देहरादून,हरिद्वार,हल्द्वानी ,काशीपुर ,रुद्रपुर ,रुड़की, कोटद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर (गढ़वाल ) कुल 9 नगर निगम है।
  7. देहरादून के मेयर –सुनील उनियाल   गामा बीजेपी  
  8. हल्द्वानी के मेयर – जोगेंद्र रौतेला बीजेपी 
  9. हरिद्वार के मेयर –अनीता शर्मा कांग्रेश
  10. काशीपुर के मेयर –उषा चौधरी बीजेपी 
  11. कोटद्वार के मेयर –हेमलता नेगी कांग्रेस 
  12. ऋषिकेश के मेयर – अनीता ममगाई कांग्रेस 
  13. रुड़की के मेयर –गौरव गोयल निर्दलीय
  14. रुद्रपुर के मेयर– रामपाल सिंह  बीजेपी
  15. जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा देहरादून नगर निगम का गठन 9 दिसंबर 1998को हुआ था।
  16. 2011 में हल्द्वानी हरिद्वार तथा 2013 में रुद्रपुर काशीपुर रुड़की का गठन किया गया  ।
  17. 2017 में ऋषिकेश वह कोटद्वार को नगर निगम बनाया गया ।
  18. देहरादून नगर निगम सबसे पुराना वह सबसे बड़ा  नगर निगम है ।
  19. सबसे नया नगर निगम श्रीनगर है। जिसे 1 जनवरी 2022 में बनाया गया है।

उत्तराखंड राज्य में कुल नगर पालिका परिषदे (Total Nagar Palika Parishad in Uttrakhand)

  1. राज्य में कुल 41 नगर पालिका  परिषद  है। 
  2. जिन नगरों की संख्या 50000 से 100000 तक वह पहाड़ में 50000 तक होती है वहां नगर पालिका परिषद की रचना होती है
  3. नगरपालिका परिषद की रचना पालिका अध्यक्ष व सभासदों से होती है जिन का चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष के बाद प्रत्यक्ष रीति होता है 
  4. सबसे पुरानी नगरपालिका मसूरी है जिसका गठन 1842 में किया गया ।
  5. मसूरी नगर पालिका के प्रथम अध्यक्ष– वेंसिटार्ट
  6. कुमाऊं की प्रथम नगरपालिका अल्मोड़ा नगरपालिका थी जिसका गठन 1664 में किया गया।
  7. इसके पहले अध्यक्ष  रेवरेड ओकले थे ।राय बहादुर धर्मानंद जोशी दूसरी अध्यक्ष थे ।
  8. वर्तमान अध्यक्ष शोभा जोशी हैं  ।
  9. बागेश्वर में नगरपालिका का गठन 1968 में किया गया ।

उत्तराखंड राज्य में कुल नगर पंचायतें(Total Nagar Panchayat in Uttarakhand)

  1. राज्य में कुल 45 नगर पंचायतें हैं।
  2. जिन नगरों करबो की जनसंख्या 5000 से 50000 तक होती है वह नगर पंचायत का गठन किया जाता है।
  3. जिसमें से तीन नगर पंचायतों बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री के चुनाव नहीं होते बल्कि मनोनीत पंचायतें हैं नोट उत्तराखंड में कुल 116 नगर है।
  4. सर्वाधिक नगर वाला जिला हरिद्वार है जहां 24 नगर है।
  5. सबसे कम नगर वाला जिला बागेश्वर है जहां मात्र 1 नगर है।
  6. सर्वाधिक नागरीकृत अथवा नगर प्रतिशत जिला देहरादून है।
  7. सबसे कम नगरी वाला जिला  प्रतिशत की दृष्टि से बागेश्वर है।
  8. जनसंख्या की दृष्टि से सबसे कम  नगरीकरण वाला जिला रुद्रप्रयाग है।
  9. उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC)
  10. राज्य लोक सेवा आयोग का गठन –14 मार्च 2001
  11. सदस्य –( अध्यक्ष सहित)
  12. मुख्यालय –हरिद्वार 
  13. प्रथम अध्यक्ष –एमपी नवानी 
  14. वर्तमान अध्यक्ष –राकेश कुमार
  15. राज्य लोक सेवा आयोग की प्रथम महिला सदस्य– सुधा पांडे
  16. राज्य राजकीय सेवाओं में नियुक्तियों के लिए राज्य स्तरीय लोक सेवा आयोग का गठन किया गया है ।

उत्तराखंड में आरक्षण प्रतिशत(Reservation Percentage in Uttrakhand)

  1. महिला–30   प्रतिशत
  2. एससी- 19  प्रतिशत
  3. ओबीसी –14  प्रतिशत
  4. भूतपूर्व सैनिक –5प्रतिशत
  5. अनाथ– 5प्रतिशत
  6. एसटी –4 प्रतिशत
  7. कुशल खिलाडी–4 प्रतिशत 
  8. विकलांग –3 प्रतिशत 
  9. स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का 2 प्रतिशत आरक्षण है।
नोट –पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण 50 प्रतिशत  है।
उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था 

पंचायती राज व्यवस्था

भारत की 70 प्रतिशत से अधिक जनता गावों में निवास करती है। ग्रामीणों से ग्राम सभा व ग्राम पंचायत अस्तित्व में आती है । प्राचीन काल से ही ग्रामीण विकास तथा न्याय व्यवस्था पंचायत आधारित रही है । भारत के इतिहास में वे ही शासन व्यवस्थाएँ सफल रहीं जिनकी पंचायत आधारित न्यायिक व्यवस्था अच्छी रही हैं। गांधी जी के सपनो के भारत का मूल भी ग्रामीण स्वशासन की सशक्तता ही था।
73 वे संविधान संशोधन के द्वारा पंचायतीराज व्यवस्था को एक नया रूप देते हुए पंचायतों को संवैधानिक दर्ज़ा दिया गया । इससे पंचायतीराज संस्थाओं के माध्यम से आम ग्रामीण समुदायों के लिए भागीदारी का मार्ग खुल गया है ।
उत्तराखंड राज्य में पंचायतों के सशक्तिकरण हेतु अनेको योजनाऐ संचालित की जा रही हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग एवं राज्य सरकार के माध्यम से संचालित की जा रही इन लाभकारी योजनाओं के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं । पंचायतीराज विभाग का प्रयास हैं कि गावों के आखिरी व्यक्ति तक योजनाओं के लाभ मिल सके।

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