चमड़खान का गोलज्यू मंदिर...! जहाँ होती है गोरिल देवता के चरणों की पूजा.!

 जय ईष्ट देव श्री गोलज्यू महाराज जी 



चमड़खान का गोलज्यू मंदिर...! जहाँ होती है गोरिल देवता के चरणों की पूजा.!



पूरे गढ़-कुमाऊँ में यह गोलू देवता का पहला ऐसा मंदिर है जहाँ उनके चरण पूजे जाते हैं. अल्मोड़ा जिले के  रानीखेत से लगभग 22 किमी. ताडीखेत, रामनगर, चमड़खान मोटर मार्ग पर स्थित यह मंदिर पूरे उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा गोरिल/ग्वेल/गोलू/गोल्जू देवता का मंदिर है जहाँ उनके चरणों की पूजा होती है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यहाँ गोलू देवता ने एक सप्ताह तक अपना न्याय दरवार लगाया! लोगों ने गुहार लगाईं कि अब आप यहीं विराजमान रहे तब गोलू देवता ने अपनी चरण पादुकाएं यहीं छोड़ दी व कहा कि जब भी किसी के साथ कोई अन्याय हो वो मुझे स्मरण कर दे।



मंदिर परिसर से लगभग 500 मीटर तक की दूरी पर एक भी चीड का पेड़ ऐसा नहीं है जो कोई नया पनपा हो. इस पर स्थानीय लोगों का मत है कि ये पेड़ उसी काल से यहाँ खड़े हैं जब गोल्जू देवता की यहाँ कालांतर में स्थापना की गयी। तब से न आस पास कोई नया पेड़ ही जन्म लेता है और न ही इन पेड़ों के टूटने से कभी कोई अप्रिय घटना जनमानस में घटित हुई है।


जय ईष्ट देव श्रीगोलज्यू महाराज शुभ रात्रि प्रणाम मित्रों🙏

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