कंडोलिया मंदिर

 Kandolia Temple (कंडोलिया मंदिर)

आज हम आपको उत्तराखंड दर्शन की इस पोस्ट में पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिर “ #Kandoliya Temple, Pauri Garhwal!! (कंडोलिया मंदिर)”  के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है , यदि आप कंडोलिया मंदिर के बारे में जानना चाहते है तो इस वीडियो को अंत तक जरुर देखे 

🌺एक और शिव मंदिर (कंडोलिया देवता) कंडोलिया पहाड़ियों पर ओक और पाइन के घने जंगल में स्थित है। इस मंदिर के निकट एक खूबसूरत पार्क, खेल परिसर और कुछ मीटर आगे एशिया की सबसे ऊंची स्टेडियम रान्शी है । गर्मियों के दौरान कंडोलिया पार्क में स्थानीय लोगों को उत्साह से हँसते और खेलते देख सकते हैं।



कंडोलिया मंदिर , पौड़ी गढ़वाल शहर से 2 किमी. की दूरी पर स्थित धार्मिक , पवित्र एवम् प्राचीन मंदिर है । यह मंदिर कंडोलिया देवता को समर्पित है 

जो स्थानीय भूमि देवता हैं । मंदिर में भगवान शिव जी की कंडोलिया देवता के रूप में पूजा होती है | यह धार्मिक स्थान महान हिमालय की चोटियों और गंगवारस्यून घाटी का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है । कण्डोलिया देवता चम्पावत क्षेत्र के डुंगरियाल नेगी जाति के लोगों के इष्ट “गोरिल देवता” है ।

धार्मिक मान्यता है कि कई वर्ष पूर्व कुमाऊं की एक युवती का विवाह पौडी गांव में डुंगरियाल नेगी जाति से हुआ था । विवाह के बाद वह युवती अपने ईष्ट देवता को कंडी (छोटी टोकरी) में रखकर लाई थी । इसके बाद से कुमाऊं के इन देवता को “कंडोलिया देवता” के नाम जाना जाने लगा और उनकी पूजा पौडी गांव में भी शुरू कर दी गई । मान्यता है कि बाद में देवता गांव के ही एक व्यक्ति के स्वप्न में आए और आदेशित किया कि मेरा स्थान किसी उच्च स्थान पर बनाया जाए । इसके बाद कंडोलिया देवता को पौडी शहर से ऊपर स्थित पहाडी पर स्थापित किया गया ।

 स्थापना के बाद से ही कंडोलिया मंदिर न्याय देवता के रूप में प्रसिद्ध हो गए । वर्ष 1989 में पौडी गांव निवासी पद्मेंद्र सिंह नेगी, पृथ्वी पाल सिंह चौहान एवं सुरेंद्र नैथानी ने कंडोलिया देवता के मंदिर में विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने की परंपरा शुरू की, तब से हर साल यहां तीन दिवसीय पूजा-अर्चना होती है । इस तीन दिवसीय आयोजन में यहां सैकडों श्रद्धालु मनौतियां मांगने आते हैं , तो कई मनौतियां पूर्ण होने पर घंटा , छत्र आदि चढाते हैं ।

🌺कुछ समय के पश्चात आसपास का क्षेत्र भी “कण्डोलिया” के नाम से पहचाना जाने लगा । स्थानीय जन समाज में कंडोलिया देवता को बोलन्दा देवता के रूप में पूजा की जाती है | सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जब भी कंडोलिया देवता को किसी घटना या विपत्ति का एहसास होता है , तो कंडोलिया देवता सारे नगर में आवाज़ लगाकर नगरवासियों को सावधान कर देते है |


👉कंडोलीया देवता मंदिर पौड़ी अपने प्रियजनों के साथ एक प्यारा समय बिताने लिए एक बेहतरीन स्थान है। 

Temple Photos  























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