100 + पहाड़ी कहावतें II - 100 + Pahari Proverbs II

100 + पहाड़ी कहावतें II - 100 + Pahari Proverbs II #पहाड़ी_कहावतें पहाड़ी कहावतें ,कुमाउनी कहावतें और गढ़वाली कहावतें।

  1. जोगी जुग्टा हाथ का न भात का।
  2. जय द्यो जगदीश, वेसे क्या रीस
  3. कौजाळा पाणी मा छाया नि आन्दी ।
  4. अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
  5. बड़ी पुज्यायी का बी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का बी चार भांडा ।
  6. अपड़ा गोरुं का पैन्डा सींग बी भला लगदां ।
  7. कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
  8. जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु
  9. गोरी भली ना स्वाळी ।
  10. राजौं का घौर मोतियुं कु अकाळ ।
  11. भैंसा घिच्चा फ्योली कु फूल ।
  12. सब दिन चंगु, त्योहार दिन नंगु ।
  13. त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
  14. कुक्कूर मा कपास और बांदर मा नरियूल
  15. हाथा की त्यारि, तवा की म्येरी ।
  16. लेजान्दी दाँ हौल, देन्दी दाँ लाखड़ु ।
  17. कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
  18. बुढिड़ पली ही इदगा छै, अब त वेकु नाती जु हुवेगी ।
  19. हैंकौ लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
  20. बाखरौ कु ज्यू बी नि जाऊ, बाग बी भुकु नि राऊ ।
  21. लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
  22. जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
  23. लगी घुंडा, फ़ूटी आँख ।
  24. जाणदु नि च बिछयू मंत्र, साँपे दुळी डाळदू हाथ ।
  25. तू ठगानी कु ठग, मि जाति कु ठग ।
  26. लूण त्येरि व्वेन नि धोळी,आंखा म्येकू तकणा।
  27. भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै 
  28. अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
  29. बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
  30. पैली खयाली छारु(खारु), फ़िर भाडा पोछणी ।
  31. ब्वारी खति ना... , सासु मिठौण लग्युं... ।
  32. खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा ।
  33. (कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
  34. खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
  35. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै 
  36. भग्यानो भै काळो, अभाग्यू नौनू काऴो।
  37. नोनियाल की लाईं आग , जनाना देखुयुँ बाघ |
  38. जै बौ पर जादा सारू छौ वी भैजी भैजी बुन्नी |
  39. म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पथा ख़ूब सकुदु
  40. जू दूध पेक़ी तै नि हुवे, त अब बुबा घुंडा चुसिक होन्दु ।बान्दर 
  41. मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
  42. मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू, तु म्येरा गौं एली क्या ल्यालु ।भेल़ 
  43. लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
  44. ढेबरि मरिगे, गू खलैगे।
  45. नि खांदी ब्वारी , सै-सुर खांदी ।
  46. भैर तालु, और भितर बिरालु ।
  47. ब्वारी बुबा लाई बल अर ब्वारी बुबन खाई ।
  48. जु पदणु गीजि जालो, उ हगणु केकु जाल ।
  49. चळचळी डाळी चबड़ा बोट
  50. कंधा क्वारू और दूरा स्वार कब्या काम न्यांद
  51. आबत नी चैंदु कांगु बल्द नी चैंद ढांगु
  52. दुसरा द्याख चळचळी खळखळी बुबा रांड होग्ये मिखणी या नि मांगी
  53. पैली खयाल, तब कुटरी बाँध मेरा लाटा
  54. बिना पादयां गुवाँण नी औंदी
  55. गिच्चा कु बूबा कु क्या जांदू
  56. सौण मोरि बल सासू अर भादों ऐनी आंसू
  57. हूंदा ग्यूं ।। ता रूंदा क्यूं
  58. लोला ही लोला बल एक्की खोला।
  59. कभी रोयीं होंदी त ढौल भी आंदी
  60. कभी बल सौ धोता अर कभी कड़दु डु भी नी
  61. बिंडि खाण बान बल जोगि बणि अर पैलि रात भुखि रै
  62. तापयूं घाम बल क्या तपण अर दिखयूं मनखी क्या देखण
  63. जैकु मोर बल वु क्या नी कौर
  64. बुढ़्यो बोल्यूं अर आंवलों कु स्वाद,पिछनै दाँ आन्दु याद
  65. उंड फुँडा चुल फुंड अर चुल्लू फुँडा उंड फुंड
  66. जखि देखि पथली भात,उखी बितायी सारी रात
  67. सुन्दरू कौं कु गुन्दरू कुत्ता, भैर बाघ ,भितर मुत्ता।
  68. वैकि छ्वीं बल झंगोरै बीं
  69. भै बल बैंह। मतलब भाई एक बाँह की तरह होता है
  70. घुँडा घुँडा फुके गी अर कुत्राण कख होली आणि।
  71. जैन करी शरम वेका फूट्या करम
  72. ड्यूमा थौळ किलकी नि ऐंच भिटकी नि
  73. घौ बरख्या बटवे देखो
  74. नीती जैकी धीति 
  75. ब्याळी जोगी पुठा मा जट्टा
  76. बिठुवी मौ कू ठंडू पाणी
  77. माटो घोडा सुते लगाम
  78. माणा माथा गौनी अठारा माथ दौनी
  79. बाघे खायी सेई मनखि खायी अणसेई
  80. दिनभरि सेह लटकी ब्यखन दा पाणयूं अटकी
  81. औतो ते धन प्यारु
  82. अग्यो करी साली पाणी करी दौड़ी
  83. अणदेख्यू चोर बाबु बरोबर
  84. अति ऋण हाळ नि अर अति जुवां खाज नि
  85. बवोंत्या बौगि  जांद अर पंडित भूल जांद
  86. अति लाड अति खाड
  87. अद्म्यारी बिद्या अर ज्यू कू जंजाळ
  88. धार अंठ मौरी गगड़ बरखू धौऊ
  89. अंधु मरगी अर आफत छोडगी
  90. अपड़ा बक्त पाणी से पोर
  91. अपड़ा गौन्की खंडैली बी प्यारी
  92. अपड़ा देसों ढून्गू बी चोप्डू
  93. मौ गै पर लो नि गै
  94. भीतर नीच आलण देई मा नाची बालण
  95. समौ देखण अपडा घौर बटि
  96. लगि आग डब्यू बाघ बल कख च भलु
  97. कंडौळ सुख जान्दू पर जसाक नि जांदी
  98. भौरें माया रस चुसण तक हळये सेकी बुतण तक
  99. बिंडी बिरोवो माँ मुसा नि मोरदा। 
  100. गरीबे सौह सभ्यू कि बौ। 
  101. रौतू कु डांगू मोरी बल अपड़ी खुस्युन। 
  102. लंका टंका। 
  103. जख स्यूण नि घुसे वुख सबलु घूसेणू । 
  104. गौदाने सी बाछी। 
  105. अट्वाड़ो सी बागी। 
  106. जैकी छाई डौर, ऊ निच घौर। 
  107. आन्ख्यूंमा गरुड रिटला। 
  108. डांगू मोरी बल उज्यडा सारा। 
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