दिल की गहराईयों से: बेहतरीन शायरी का संग्रह
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1)
तेरी आरजू को मैने ख्वाब बना रखा है
अपनी निगाहों मैं तसव्वुर उसका उतार रखा है
इश्क का रास्ता मैने संवार रखा है
बस उसके इजहार का इंतजार कर रखा है
अपने दर्द को मैने किताबो मैं उतार रखा है
बस अपने जख्मों मैने दुनिया से छुपा रखा है
2)
पूँछ कर वो मेरे घर का पता, दरवाजे पर भी नहीं आया,
वक़्त-बेवक़्त आने वाला, वक़्त के तक़ाज़े पर भी नहीं आया,
दम निकला मेरा जिस हरजाई की हसरत और चाहत में...,
वो मेरे आख़िरी दीदार को, मेरे जनाज़े पर भी नहीं आया।
3)
मौसम बदल रहा है,फ़िज़ाँ बदल रही है !
बादे-सवा भी अपना कुछ रुख बदल रही है !
पीने दे और साक़ी,अभी रात कुछ है बाकी !
उधर चाँद ढल रहा है इधर शराब ढल रही है !!
4)
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।
5)
थोड़ी पागल सी थोड़ी ज्यादा हीं समझदार
बे- सबअब हसती है वो खुद से ही वफादार
टुटे रिश्ते है कुछ उसके उनमें ही खोई रहती
रिश्तोंकी अहमियत जानती उमदा सलाहगार
अदब, तहज़ीब और सादगी ऐसी है रिवायती
उसकी असली मिलकियत है उसका किरदार
शिकायतें करना उसे शायद पता ही नहीं है
चुप चाप सहती ,अब बनीं खुद कि गुनाहगार
बस हो जाये उसकी हर दिल-ए-ख्वाहिश पूरी
मिल जाए मेरी दोस्त को दुनिया भर का प्यार
6)
सोचा था कि इस कदर आपको भूल जाऐंगे।
देखकर भी अनदेखा कर जाएगें
लेकिन जब जब आया चेहरा आपका सामनें
सोचा कि इस बार देख ले अगली बार भूल जाएंगे ।।
मेरे दिल की कलम से...
7)
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा ,
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा ,
सुबह उतर जाएगी,
हमने तो आपकी आंखो से पिया है,
खुदा कसम,
पूरी जिंदगी नशे में गुजर जाएंगी...
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
इश्क़ और जज़्बात: खूबसूरत शायरी का खज़ाना
8)
1.उसकी गलती को जानते हुये भी,
उसको गलत मानने से इनकार करना... इश्क़ है..♥️
2.हमने उसके लब-ओ-रुख़्सार को छूकर देखा,
हौसले आग को गुलज़ार बना देते हैं !!
3.मुझसे दूर जाने की बात मत करो,,
देख मैं डर गया हू , मर भी सकता था,,
4. *जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको,*
*हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं.*
5.समझ सके ना लोग भी स्याने ,
इश्क़ का रुतबा इश्क़ ही जाने !
6.*शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें गहराई से निभाइये..*
*"लाजवाब मोती" कभी किनारों पे नही मिलते..*
7. उसने कहा लफ्ज़ों में बयां करो मुहब्बत को....!
हमनें कहा दायरों के दरमियां इश्क़ नहीं करते हम...!!
8. ये एहतराम-ए-तमन्ना ये एहतियात-ए-जुनून के तेरा जिक्र भी करू,
और तेरा नाम भी न लु।।
9.*ये मत पूछ एहसास की...शिद्दत क्या थी...*
*धूप ऐसी थी...कि साये भी जलते देखे...*
10. *यहाँ हर कोई रखता है ख़बर ग़ैरों के गुनाहों की,*
*अजब फितरत हैं, कोई आइना नहीं रखता।*❤️
11.*ये दुनिया है यारो , मुह पर सलाम और..!*
*महफिल मे बदनाम करती है..!*
12. नजर-वही-जो-कत्ल-को-अंजाम-दे ,, और...?💕 💕
चाहत-वही-जो-भरी-महफिल-में,, सलाम-दे..!!💕 💕
13.ये खामोश दिल के अल्फ़ाज़ है
जनाब
यहाँ आग माचिस से नही
शायरियों से लगती है.... 💞
14. कहीं यादों का मुकाबला हो तो बताना,,,
हमारे पास भी किसी की यादें बेमिसाल होती जा रही है।।।
15.अगर यादों की कीमत एक पैसा भी होती,,,
तो आज तुम मेरे अरबों के कर्जदार होते।।।
16. उम्र हार जाती है जनाब
जहाँ शौक जिंदा होते हैं!!
9)
जब मन कमजोर होता है...
परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं।
जब मन स्थिर होता है...
परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं।
जब मन मजबूत होता है...
परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं...
🥀🥀
10)
*लोग हैं*
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....
कमियां निकालने के लिए
*लोग हैं |*
अगर रखना ही है कदम....
तो आगे रख ,
पीछे खींचने के लिए
*लोग हैं |*
सपने देखने ही है .....
तो ऊंचे देख ,
निचा दिखाने के लिए
*लोग हैं |*
अपने अंदर
जुनून की चिंगारी भड़का ,
जलने के लिए
*लोग हैं |*
अगर बनानी है.....
तो यादें बना ,
बातें बनाने के लिए
*लोग हैं|*
प्यार करना है....
तो खुद से कर ,
दुश्मनी करने के लिए
*लोग है |*
रहना है....
तो बच्चा बनकर रह ,
समझदार बनाने के लिए
*लोग है |*
भरोसा रखना है....
तो खुद पर रख ,
शक करने के लिये
*लोग हैं |*
तू बस सवार ले खुद को...
आईना दिखाने के लिए
*लोग हैं |*
खुद की अलग पहचान बना....
भीड़ में चलने के लिए
*लोग है |*
तू कुछ करके
दिखा दुनिया को......
बस कुछ करके दिखा ,
तालियां बजाने के लिए
*लोग हैं |*
11)
ये हादसा, दोबारा कभी हुआ नहीं।
बाद उसके किसीने, रूह को मेरी छुआ नहीं।
चाहता था मै, बस प्यार उसका।
आदमी मै, हवस का भुखा नहीं।
कह सकते हो तुम, इसको फितरत मेरी।
दुश्मनो की अपने, दी कभी बद्दुआ नहीं।
भुला दिया है शायद उसने मुझको।
लेकिन मै अब तक उसको भुला नहीं।
घायल है दिल मेरा सदियों से।
ये और बात है कि, खंज़र अब तक चुभा नहीं।
भरा था जो तालाब अश्को से मेरे।
वो अब तक है सुखा नहीं।
पूरी तो होती नहीं कोई आरज़ू मेरी।
इसीलिए मांगता अब दुआ नहीं।
हो कितनी भी तकलीफ चाहे मुझको।
अहसान किसीका कभी लुंगा नहीं।
तन जुदा हो भले ही हमारे।
मगर रूह हमारी जुदा नहीं।
चलता रहा मै अपनी ही धून में।
रोके से किसी के मै रुका नहीं।
खाई थी कसम ये कभी मैंने।
अलावा उसके किसीको चाहुंगा नहीं।
12)
ना ख्वाइश ए मंजिल..
ना इश्क़ ए मिसाल है तू...💕
मुझमे ही उलझा..
मेरा ही एक सवाल हैँ तू...💕
ना राहत ए मर्ज..
ना दर्द ए इलाज है तू...💕
फिर क्यों मेरी जिंदगी की..
रुह ए तलाश है तू....💕
13)
प्यास तो पानी से बुझेगी
मैं शराब का क्या करूंगा
फिर लड़कियां भले ही बेहिसाब हो
तेरी कमी है ज़िन्दगी में
मैं बेहिसाब का क्या करूंगा😔
14)
छोड़े हैं कितने रास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ
छोड़े है किसके वास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ
कई मौत मर चुका हूँ कितना जिया हूँ मैं
कुछ लोग मेरे ख़ास थे तुमसे मैं क्या कहूँ
मिलते है मुस्करा कर दुनिया से हर सुबह
रात कितने उदास थे तुमसे मैं क्या कहूँ
वो फेंक देते है सुबह दीवाली का दिया
हम रात जिनको रास थे तुमसे मैं क्या कहूँ
मेरे दोस्त जैसे अक्सर दिखते थे मुझे लोग
सब के सब लिबास थे तुमसे मैं क्या कहूँ
गुमां था मिल गया है हमें दर्द का इलाज
सब के सब कयास थे तुमसे मैं क्या कहूँ
15)
😊यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल,
एक जूनून सा दिल में जगाना होता है,
पूँछा चिड़िया से कैसे बनाया आशियाना बोली –
भरनी पड़ती है उड़ान बार बार,
तिनका तिनका उठाना होता है🌸✍
16)
ख़ुदको इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर
काम ले कुछ हसीन होटों से
बातों बातों में मुसकुराया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगा या कर
- शकील आज़मी
17)
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मैं न जुगनू हूँ दिया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं
नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं
18)
शाम से आंखों में नमी सी है
फिर यादों में तेरी कमी सी है
दफ्न कर दो की सांस न मिले
जब मिले तो तुम मिले
न मिले तो कुछ न मिले
19)
तू अपनी दुनिया बसा ले मैं नाराज नही हूं,
जुल्फों में गजरा सजा ले मैं नाराज नही हूँ,
हम जुगनू बनकर सुबह तलक बुझ जाएंगे,
रक़ीब को भंवरा बना ले मैं नाराज नही हूँ,
मैंने हर दम तेरी खुशियों की दुआएँ माँगी,
तू अपनी बारात बुला ले मैं नाराज नही हूं,
तेरा संसार आबाद रहेगा मैं आबाद रहूंगा,
मेरी धड़कनों की दुआ ले मैं नाराज नही हूँ,
ग़ैर की बाहें तुझे सुकून दे तू सुकून से रहे,
जा थोड़ा सुकून कमा ले मैं नाराज नही हूँ,
करता हूँ हँसते हँसते विदा तुझको जिंदगी से,
डोली वाले डोली उठा ले मैं नाराज नही हूँ,
खफ़ा नही मैं हरगिज़ तेरी बेवफाई से,
घूंघट आखरी बार हटा ले मैं नाराज नही हूँ।
20)
मेरी याद आने के बाद, कोई काम
भी नहीं होगा
मेरी याद मिटाने का,कोई इंतजाम
भी नहीं होगा
अपने दोस्तों से कहते हो,मेरे जैसे
बहुत मिलते हैं
तेरे शहर में मेरे जैसा,किसी का नाम
भी नहीं होगा
अंदर ही अंदर मरोगे, मेरी मोहब्बत
याद करके
तुम देखना कत्ल तुम्हारा, सरेआम
भी नहीं होगा
21)
मुझे रख दिया छाँव में, खुद जलते रहे धूप में।।
मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता, अपने पिता के रूप में।।
22)
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान. रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त
की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
मुर्दों की बस्ती में ज़मीर
को ज़िंदा रख कर,
ए जिंदगी मैं तेरे उसूलों का मान
रखता हूँ।
23)
दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद
क्वत बे क्वत मेरा नाम लिया करते है
मेरे गली से गुजरते है छुपा के खन्जर
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं
#Shayari
24)
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ,
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं…!!🌹❤💞
25)
पाया तुम्हे तो सपने सच लगने लगे;
तुम अज़नबी आज अपने लगने लगे;
होता नहीं यकीं खुद की किस्मत पर;
तुम मेरी धड़कन मे बसने लगे।
26)
Kuch Umer Ki PehLi ManziL Thi
*Kuch Rastay Thay Anjaan Bohat*
Kuch Hum Bhi PagaL Thay Lekin
*Kuch Wo Bhi Thay Naadan Bohat*
Kuch Us ne Bhi Na Samjhaya
*Ye Pyar Nahi Aasaan Bohat*
Aakhir Hum ne Bhi khel Liya
*Jis Khel Mein Thy Nuqsaan Bohat*
Jab bikhar gaye tab ye jaana
*Aaty hainn yahan toofan Bohat*
Ab koi nahi jo apna ho
*milny ko to hain insaan Bohat*
kash wo wapas aa jaye
*Ye dil hy ab sunsaan Bohat.!!!*
वफ़ा और दर्द: दिल को छू लेने वाली शायरी
27)
मोहबत को जो निभाते हैं
उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं
उनको हमारा ये पैगाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो
फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए
किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
#life #love
28)
अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये;
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये;
मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये;
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर;
उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये।
29)
मेरा दिल कहता है मुझसे 💞💞
मत याद किया कर उसे 🥴🥴
कमवक्त ये तेरी bewfa आखें 👀👀
साथ नहीं देती है मेरा 🤝🤝
और मुझे अकेला पाकर 🙇🏻♀️🙇🏻♀️
उसकी यादें जान निकल लेती है मेरा ✨💫
#FromSubscriber
30)
मुमकिन ही नहीं कि दर-दर पर झुक जाऊँ मैं,
मेरा रब भी एक है मेरा सर भी एक है..!!
#life
31)
फ़कीरी ये कि तुझसे मिल नहीं सकते,
रईसी ये कि तुझसे इश्क़ करते हैं।
#love #life
32)
सारा ज़माना जब खिलाफ बोलता हैं
तो समझ ले के तू साफ़ बोलता हैं
जो लोग बहुत ख़ामोश रहा करते हैं
ज़माने में उनका हूनर बोलता हैं
दफन कर दो इसे तुम चाहे कितना
ज़मीं से निकल के इंसाफ बोलता हैं
मेरा कोई हुनर शामिल नहीं इसमें
बस लहजे में मेरा संस्कार बोलता हैं
लाख कोशिश करें हम दूरी मिटाने की
चेहरों से मगर मतभेद बोलता हैं
नई है पीढ़ी मुरव्वत से नहीं वाक़िफ़
बेटा अब तो बाप से साफ़ बोलता हैं
बुरे वक़्त में तूने मदद की हो जिसकी
अक्सर वही तेरे खिलाफ बोलता हैं
33)
बंदिशे सारी तोड के निकला हूं,
एक ख्वाब है जो हासिल करने निकला हूं,
होसो-आवाज में इश्क़ का नशा करके बैठा हूं,
उसे पाने की जिद सिर पे सवार करके बैठा हूं।
#love
34)
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा,
मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा,
ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में,
बस किनारे पर बैठा पत्थर फेंकता रहा।
35)
फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है,
अब वक्त अलविदा कहने का आ गया हैं.!!
शायरियों, ग़ज़लों, कविताओं में ढूंढना खुद को,
भारी मन से संदेशा दूर रहने का आ गया हैं!!
बांटी थी खुशियां कभी एक दूसरे से मिल के,
अब अपने अपने दुख सहने का आ गया हैं!!
कभी उड़ता रहता था तेरे ख्यालों में यू ही,
उसके लिए फरमान गमे समुंदर में बहने का आ गया है!!
काबिल तो नहीं था कि दे सकू सारी खुशियाँ,
जहा रहो खुश रहो वक्त ये कहने का आ गया हैं!!
#sad
36)
सुनना है सुनाना है..
रूठना है मनाना है
हँसाना है.. रुलाना है
इस ज़िंदगी का हर लम्हा..
बस तुम्हारे साथ हीं बिताना है!!
37)
सादगी मशहूर है हमारी,
खुशमिजाजी भी कमाल है।
हम शरारती भी इंतेहा के है,
तनहा भी बेमिसाल है।।
38)
Kya khwaish hai meri tumko btau kya
Kitna dard hai is dil me cheer kr dikhau kya
kehti phirti ho zamane me bewafa mujhko
Kya hai haqiqat ye zamane ko btau kya
Ab to tumne inkar kr diya hai muhabbat se meri
Mai Ab bhi tum pr dilon jaan lutau kya
Nhi ho sakta tu mera to bta mai kya kru
Apni in khwaishon ka gala dabau kya
Tune to kabhi pyaar dikhaya hi nhi hai
Aur tu chahti hai mai ab bhi Pyaar nibhau kya
39)
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो
कहीं नहीं कोई सूरज धुआँ धुआँ है फ़ज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
🙏🙏🙏🙏
40)
सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।
एक अजीब सी जंग छिड़ी है तेरी यादों को लेकर,
आँखे कहती हैं सोने दे… दिल कहता है रोने दे....
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