भमोरे का फल स्ट्रॉबेरी की तरह लाल हो जाता
हिमालयन क्षेत्रों का स्ट्राबेरी है भमोरा (पहाड़ी स्ट्राबेरी)
भमोरे का फल स्ट्रॉबेरी की तरह लाल हो जाता
हिमालय क्षेत्रों उत्तराखंड हिमाचल और नेपाल में पाए जाते हैं में समुद्रतल से एक हजार से 3000 मीटर तक की ऊंचाई पर पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण फल है भमोरा। कॉरनेसेई कुल के इस पौधे का वैज्ञानिक नाम कॉर्नस कैपिटाटा है। वैसे तो भमोरे का फल विरले ही खाने को मिलता है, परंतु चरावाहे आज भी जंगलों में इसे बड़े चाव से खाते हैं। सितंबर से नवंबर के मध्य पकने के बाद भमोरे का फल स्ट्रॉबेरी की तरह लाल हो जाता है, इसलिए इसे हिमालयन स्ट्राबेरी भी कहते हैं। पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ यह बेहद स्वादिष्ट भी होता है। वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय जनरल ऑफ फार्मटेक रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भमोरा में मधुनाशी गुण भी पाए जाते हैं। इसके फल में एक महत्वपूर्ण अवयव एन्थोसाइनिन अन्य फलों की तुलना में दस से 15 गुणा ज्यादा पाया जाता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह भी बताया गया कि भमोरा में मौजूद टेनिन को कुनैन के विकल्प के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। भमोरे के फल में पौष्टिक गुणवत्ता की बात करें तो इसमें
प्रोटीन 2.58 प्रतिशत,
फाइबर 10.43 प्रतिशत,
वसा 2.50 प्रतिशत,
पोटेशियम 0.46 मिग्रा
और फॉस्फोरस 0.07 मिग्रा प्रति सौ ग्राम तक पाया जाता है।
फाइबर 10.43 प्रतिशत,
वसा 2.50 प्रतिशत,
पोटेशियम 0.46 मिग्रा
और फॉस्फोरस 0.07 मिग्रा प्रति सौ ग्राम तक पाया जाता है।
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