माँगल गीत : कपड़ा प्हैवार्ण Mangal Song : Kapda Pahavarna|| (गढ़वाली / कुमाउनी)

 माँगल गीत : कपड़ा प्हैवार्ण

 Mangal Song : Kapda Pahavarna

(गढ़वाली / कुमाउनी)

शादियों में दुल्हन को उसके परिजनों द्वारा कई वस्त्र और आभूषण भेंट स्वरूप दिए जाते हैं, ताकि उस समय उसके मन में किसी प्रकार का विकार उत्पन्न न हो, और उसे उनसे दूर रहने का दुःख न सताये|
   विवाह भली-भातिं संपन्न हो सके, इसलिए उसे प्रसन्न रखने के लिए वस्त्र और आभूषण भेंट स्वरूप दिए जाते हैं, और इस गीत के माध्यम से उसे बता रहें हैं कि उसके लिए कौन से परिवारजन क्या-क्या लाये हैं|   

गीत के बोल इस प्रकार हैं 

न्हाई ध्वेकी... लाडी मेरी... फुरपूर्या.. ह्वेगे

न्हाई ध्वेकीलाडी मेरीफुरपूर्या.. ह्वेगे
पैर पैर.. लाडी मेरी.. रेसमी कपड़ी
बाबाजी.. तुम्हारा लैन.. बाजारूमोल्येकी
माँजीन.. तुम्हारी.. पिटारी... सजैई

पैर पैर.. लाडी मेरी.. जरीन्द कपड़ी
बडाजी.. तुम्हारा लैन.. हाटनमोल्येकी
बडीजीन.. तुम्हारी.. पिटारीखोल्याली

पैर पैर.. लाडी मेरी.. मोत्युँ जड़ित.. कपड़ी
चचाजी.. तुम्हारा लैन.. देसूनमोल्येकी
चचीजीन.. तुम्हारी.. पिटारीसजाई
न्हाई ध्वेकीलाडी मेरीफुरपूर्या.. ह्वेगे

 

(हिंदी)

नहा धोकरलाडली मेरीफूल-सी.. हो गयी

नहा धोकरलाडली मेरीफूल-सी.. हो गयी
पहन पहन.. लाडली मेरी.. रेशमी कपड़े
पिताजी.. तुम्हारे.. बाज़ार से.. ख़रीद कर लाये हैं
माताजी ने.. तुम्हारी.. पिटारी.. सजाई है

पहन पहन.. लाडली मेरी.. ज़रीदार कपड़े
ताऊजी.. तुम्हारे.. हाट से.. ख़रीद कर लाये हैं
तुम्हारी.. ताईजीने पिटारी.. खोल दी है

पहन पहन.. लाडली मेरी.. मोतियों से जड़े कपड़े
चाचाजी.. तुम्हारे.. परदेश से.. ख़रीद कर लाये हैं
चाचीजी ने.. तुम्हारी.. पिटारी.. सजाई है
नहा धोकरलाडली मेरीफूल-सी.. हो गयी

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