माँगल गीत : हल्दी बान - मंगल स्नान
Garhwal and kumnauni Mangal Song : Haldi Ban - Mangal Snan
(गढ़वाली)
दे द्यावा.. दे द्यावा.. मेरा बरमा जी… दे द्यावा हलदी का बान हे…
जिया रेयाँ..
जिया मेरा.. बरमा जी…
जौन दीनि हलदी
का बान हे…
दे द्यावा.. दे
द्यावा.. मेरी माँजी हे…
दे द्यावा हलदी
का बान हे…
जिया रेयाँ..
जिया मेरी.. मेरी बडी जी…
जौन दीनि दै दूध
का बान हे…
दे द्यावा.. दे
द्यावा.. मेरी चची जी…
दे द्यावा घ्यू
तेल का बान हे…
जिया रेयाँ..
जिया मेरा.. पुफू जी…
जौन दीनि चन्दन
का बान हे…
दे द्यावा.. दे
द्यावा.. मेरी भाभी जी…
दे द्यावा समोया
का बान हे…
दे द्यावा.. दे
द्यावा.. मेरी दीदी जी…
दे द्यावा कचूर
का बान हे…
दे द्यावा कचूर
का बान हे…
दे द्यावा कचूर
का बान हे…
क्यान होये..
क्यान होये.. कुण्ड कौज्याल?
क्यान होये
होलो.. सूरिज धुमैलो?
क्यान होये
होलो.. सूरिज धुमैलो?
उबादेसु..
उबादेसु.. गौरा जी नहेंदी…
तब होये.. तब
होये.. कुण्ड कौज्याल…
क्यान आई..
क्यान आई.. सिन्धु छलार?
क्यान होये
होलो.. सूरिज धुमैलो?
नहेण लागी..
लछमी की लाडी…
तब आये.. तब
आये.. सिन्धु छलार…
तब होये
होलो.. सूरिज धुमैलो…
क्यान होई..
क्यान होई.. धौली पिंगली?
क्यान होये
होलो.. सूरिज धुमैलो?
नहेण लागी..
सीता जी सरूपा…
तब होई.. तब
होई.. धौली पिंगली…
तब होये
होलो.. सूरिज धुमैलो….
तब होये
होलो.. सूरिज धुमैलो…
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(हिंदी)
दे दो.. दे दो.. मेरे ब्राह्मण जी… दे दो हल्दी के बान…
दिर्घायु रहे..
ब्राह्मण जी... जिन्होंने हल्दी के बान दिए…
दे दो.. दे दो..
मेरी मांजी…
दे दो हल्दी के
बान…
चिरायु रहे..
मेरी ताईजी.. जिन्होंने दही-दूध के बान दिए…
दे दो.. दे दो..
मेरी चाची जी…
दे दो घी-तेल के
बान…
शतायु रहे..
मेरी बुआजी.. जिन्होंने चन्दन के बान दिए…
दे दो.. दे दो..
मेरी भाभी जी... दे दो समोया के बान…
दे दो.. दे दो..
मेरी दीदी जी... दे दो कचूर के बान…
दे दो कचूर के
बान…
दे दो कचूर के
बान…
क्यों
जलकुंड.. मटमैला हुआ?
क्यों सूरज..
धुंधला हुआ?
क्यों सूरज..
धुंधला हुआ?
ऊपर उच्च देश
में गौरा स्नान कर रही हैं…
तभी जलकुंड..
मटमैला हुआ..
क्यों सागर
में.. लहरें उठी?
क्यों सूरज..
धुंधला हुआ?
लक्समी जी की
लाडली (दुल्हन) नहाने लगी हैं…
इसलिए सागर
में.. लहरें उठ रही हैं…
तभी सूरज..
धुंधला हुआ है…
धौली (गंगा)
क्यों.. पीली हुई है?
क्यों सूरज..
धुंधला हुआ?
सीता स्वरुप
(दुल्हन) नहाने लगी हैं…
इसलिए धौली
(गंगा). पीली हुई है…
तभी सूरज
धुंधला हुआ है…
तभी सूरज
धुंधला हुआ है…
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