अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नियमित रूप से अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम का जाप भगवान अर्ध नारीश्वर अष्टकम को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।
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अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम |
अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम का पाठ कैसे करें
सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और भगवान अर्ध नारीश्वर अष्टकम मूर्ति या चित्र के सामने अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले हिंदी में अर्थ नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम को समझना चाहिए।
अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम के लाभ
अर्ध नारीश्वर अष्टकम स्तोत्रम का नियमित पाठ मन की शांति देता है और आपके जीवन से सभी बुराईयों को दूर करता है और आपको स्वस्थ, धनी और समृद्ध बनाता है।
चाम्पेयगौरार्धशरीरकायै
कर्पूरगौरार्धशरीरकाय ।
धम्मिल्लकायै च जटाधराय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
कस्तूरिकाकुङ्कुमचर्चितायै
चितारजःपुञ्ज विचर्चिताय ।
कृतस्मरायै विकृतस्मराय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
झणत्क्वणत्कङ्कणनूपुरायै
पादाब्जराजत्फणिनूपुराय ।
हेमाङ्गदायै भुजगाङ्गदाय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
विशालनीलोत्पललोचनायै
विकासिपङ्केरुहलोचनाय ।
समेक्षणायै विषमेक्षणाय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
मन्दारमालाकलितालकायै
कपालमालाङ्कितकन्धराय ।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
अम्भोधरश्यामलकुन्तलायै
तटित्प्रभाताम्रजटाधराय ।
निरीश्वरायै निखिलेश्वराय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
प्रपञ्चसृष्ट्युन्मुखलास्यकायै
समस्तसंहारकताण्डवाय ।
जगज्जनन्यै जगदेकपित्रे
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
प्रदीप्तरत्नोज्ज्वलकुण्डलायै
स्फुरन्महापन्नगभूषणाय ।
शिवान्वितायै च शिवान्विताय
नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥
एतत्पठेदष्टकमिष्टदं यो
भक्त्या स मान्यो भुवि दीर्घजीवी ।
प्राप्नोति सौभाग्यमनन्तकालं
भूयात्सदा तस्य समस्तसिद्धिः ॥
भगवान् शिव या भोलेनाथ / महादेव
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